22 जनवरी को सीताकुंड धाम में प्राण प्रतिष्ठा पर जलेंगे 51 हजार दीपक , यहीं रुकीं थी श्री राम की बारात
सीता कुंड
बिहार के गया शहर में विष्णुपद मंदिर के ठीक विपरीत दिशा में स्थित सीता कुण्ड सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक अमूल्य विरासत है। सीता कुण्ड रामायण काल से जुड़ा है, और ऐसा मन जाता है की सीता माता ने अपने ससुर दशरथ जी का पिंड दान किया था। सीता कुण्ड एक छोटा सा मंदिर है जो विष्णुपद मंदिर से ठीक विपरीत दिशा में फल्गु नदी के दूसरे किनारे पर स्थित है।
22 जनवरी को सीताकुंड धाम में प्राण प्रतिष्ठा पर जलेंगे 51 हजार दीपक
सीता कुंड में रुकी थी श्री राम की बारात :
पूर्वी चंपारण जिले के चकिया अनुमंडल पीपरा अंतर्गत बेदी वन मधुबन स्थित सीता कुंड धाम भगवान राम, माता सीता एवं उनके विवाहोपरांत संबंधित स्मृतियां जुड़ी हुई है. कहा जाता है कि जनकपुर से विवाह के बाद भगवान की बारात अयोध्या लौट रही थी.
उस समय तीसरे दिन उनकी बारात यहीं ठहरी थी।ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम व सीता के विवाह के उपरांत मिथिला से अयोध्या लौट रही बारात का रात्रि विश्राम सीताकुंड धाम में हुआ था। यह इस स्थान का पौराणिक महत्व है।सीता कुंड को लेकर लोगों की ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान श्री राम व माता सीता के विवाह के उपरांत मिथिला से अयोध्या लौट रही बारात का रात्रि विश्राम सीताकुंड धाम में हुआ था।
जनश्रुतियों के अनुसार, उस दिन भगवान राम व सीता के विवाह की चौथारी के कंगन खोलने की रस्म सीताकुंड में ही आयोजित की गई थी। मान्यताओं के अनुसार, भगवती सीता ने उस अवसर पर यहां भगवान शिव की एक अलौकिक लिंग की स्थापना की थी जो आज गिरिजा नाथ महादेव मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित है। लगभग आधा किलोमीटर गोलाकार क्षेत्र में स्थित सीताकुंड धाम के बीचोंबीच भगवती सीता के स्नान के लिए एक कुंड का निर्माण किया गया था, जिसे सीता कुंड कहा जाता है। यहां रामनवमी के अवसर पर रामनवमी मेला लगता है।
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प्राण प्रतिष्ठा में यहाँ जलेंगे घी के 51 हजार दीपक :
यह बहुत ही धार्मिक और महत्वपूर्ण आयोजन है। सीताकुंड धाम में 22 जनवरी को 51 हजार दीपक जलाए जाएंगे जो प्राण प्रतिष्ठा के लिए होंगे। यह एक प्रमुख धार्मिक कार्यक्रम है जो धार्मिक आस्था और भक्ति को प्रकट करता है।
प्राण प्रतिष्ठा के दिन सीताकुंड धाम और आसपास के क्षेत्र में घी के 51 हजार दीये जलाए जाएंगे । मधुबन बेदिवन पंचायत के पूर्व मुखिया रामकुमार तिवारी व पिपरा के व्यवसायी सोनू जायसवाल ने बताया कि आगामी 10 जनवरी को सीताकुंड धाम परिसर में एक सभा का आयोजन होगा। इसमें सियाराम दीपावली मनाने के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की रूपरेखा बनाई जाएगी।
पूर्व मुखिया रामकुमार तिवारी आयोजन की तैयारी के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं। वहीं, चिंतामणपुर पंचायत के पूर्व मुखिया ललन प्रसाद, बाबू टोला गांव के सुग्रीव सिंह, पिपरा के व्यवसायी शंभू प्रसाद रुंगटा, सोनू जायसवाल, दिनेश मद्धेशिया आदि भी
कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी में लगे हैं। चाप गांव के अभय कुमार, श्री नारायण सिंह, रामाज्ञा कुंवर, अरुण सिंह आदि कहते हैं कि सीताकुंड धाम में एक दिन भगवान श्री राम व माता सीता की बारात रुकी थी। आज अयोध्या में जब भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का अवसर है, उस समय सीताकुंड धाम में ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा। इसको लेकर ग्रामीण एकजुट हैं।
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