बिहार के शिवहर जिले में लाखों रुपयों की हेरफेर का मामला सामने आया है. ये रुपये क्षेत्र के विकास में खर्च किए जाने थे. प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी और अन्य कर्मियों ने मिलीभगत कर बगैर काम किए 50 लाख रुपए निकाल लिए. इसकी भनक जैसे ही जिलाधिकारी पंकज कुमार को मिली. उन्होंने इस मामले में जांच बैठा दी. जिलाधिकारी पंकज कुमार ने डीसी अतुल कुमार वर्मा के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की है. लाखों रुपये की इस हेरफेर में कई खुलासे हुए हैं.
विकास के नाम पर 50 लाख की रकम निकाले जाने की जांच में कई खुलासे हुए है. इसमें पता चला 8 योजनाओं में पंचायत समिति से NOC नहीं ली गई. योजनाओं की जियो टगिंग भी एक-दो दिन में ही पूर्ण कर ली गई. कई योजनाओं का भुगतान बगैर रिकॉर्ड के ही कर दिया गया.
क्षेत्र में बिना नाली निर्माण और बिना सोख्ता निर्माण के कार्य किए लाखों रुपए निकाल लिए गए. डीडीसी अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि तकरीबन 11 योजनाओं को पूरा किए बगैर उसकी राशि निकाली गई है. डीएम के आदेश पर बीडीओ ने नगर थाने के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी एवं अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
नगर थाना अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि पुलिस में केस दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. शिवहर बीडीओ मोहम्मद राहिल ने पुलिस में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, सह मधुबनी जिले के खजौली थाना के कुसमा मरार गांव के दिनेश कुमार, अमित कुमार, विवेक कुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में बताया गया कि पंचायती राज विभाग के निर्देश में बीपीआरओ को कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार बीडीओ को सौंपा जाना था, लेकिन बीपीआरओ ने विभागीय नियमों की अनदेखी करते हुए प्रभार सौंपे जाने के लिए गजट प्रकाशित होने के बाद बैक डेट में विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति और योजना को पूर्ण दिखाकर 50 लाख 45 हजार 878 रुपये का भुगतान कर दिया. इतना ही नहीं एक ही कर्मचारी को 11 योजनाओं का इंजीनियर बना अधूरे काम का भी पूर्ण भुगतान कर दिया गया.
इसमें बताया गया कि महुअरिया गांव में आंबेडकर चौक से ललन राउत के घर तक साढ़े सात लाख की लागत से नाले का निर्माण कराया जाना था. आज तक नाले का निर्माण नहीं हो सका है. जबकि जियो टैगिंग तीनों स्टेज का करते हुए जनसेवक सह पंचायत सचिव सह इंजीनियर अमित कुमार को पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है.