MQ-9B ड्रोन से कांपेगा दुश्मन, क्या है खासियत भारत के इस ड्रोन में |
भारत के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका से 31 MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की खरीद के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इस सौदे का मूल्य 3 अरब डॉलर से अधिक है, और इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंटन यात्रा के दौरान होने की उम्मीद है।
इस सौदे का उद्देश्य भारत की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाना और सशस्त्र बलों को मजबूत करना है। इन MQ-9B ड्रोनों का उपयोग भारतीय सेना को उच्च ऊँचाई वाले हिमालयी सीमा क्षेत्रों में व्यापक निगरानी क्षमता प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
MQ-9B ड्रोन का परिचय: MQ-9B ड्रोन, MQ-9 “रीपर” का एक वेरिएंट है, जिसने काबुल में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मारने वाली हेलफायर मिसाइल के संशोधित संस्करण को लॉन्च करने के लिए कार्रवाई की थी। MQ-9B के दो वेरिएंट स्काई-गार्जियन और इसका सिबलिंग सी-गार्जियन हैं। भारतीय नौसेना ने 2020 से MQ-9B सी-गार्जियन का संचालन किया है। यह ड्रोन 40,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर कार्य कर सकता है और उच्च ऊँचाई वाले हिमालयी सीमा क्षेत्रों में भारतीय सेना को व्यापक निगरानी क्षमता प्रदान करता है। इसकी 40 घंटे की अधिकतम उड़ान क्षमता भी है, जिससे इसे लंबे समय तक निगरानी के लिए उपयोगी बनाता है। MQ-9B ड्रोन स्वचालित टेक-ऑफ और लैंडिंग, डिटेक्ट एंड एवॉइड सिस्टम, एंटी-स्पूफिंग जीपीएस और एन्क्रिप्टेड संचार लिंक जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस है।
भारत की आवश्यकताएं: भारत को विशेष रूप से लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के संदर्भ में अपनी भूमि और समुद्री सीमाओं पर निगरानी और स्ट्राइक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों और युद्धपोतों की बढ़ती उपस्थिति का मुकाबला करने लिए संचार और व्यापार के महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों की रक्षा के लिए भी भारत को इसकी आवश्यकता है। कश्मीर और अन्य आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए भी MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है।
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MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत को अपने विरोधियों पर रणनीतिक बढ़त मिलेगी, क्योंकि यह लंबी दूरी की निगरानी और सटीक हमले करने में सक्षम है और मानवयुक्त विमानों या पायलटों को जोखिम में डाले बिना कार्रवाई कर सकता है। इससे भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के रक्षा सहयोग को बढ़त मिलेगी और यह भारत को अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड समूह में महत्त्वपूर्ण भूमिका देगा। इस सौदे से भारत के रक्षा उद्योग को भी लाभ होगा, क्योंकि इसमें मेक इन इंडिया पहल के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन शामिल होगा।
इस MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की खरीद के साथ, भारत अपने रक्षा और सुरक्षा क्षमताओं को मजबूती से बढ़ाएगा और राष्ट्रीय सुरक्षा में एक कदम और आगे बढ़ाएगा।